उत्तरकाशी के जोंकाणी, ज्ञानसू में अष्ट भुजा दुर्गा माता मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य व दिव्य आयोजन हुआ। प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को लेकर यहाँ श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा भी चल रही है जिसमे भक्तों की अपार भक्ति भी नजर आ रही है। कथा में पीठासीन व्यास श्रद्धेय महामाया प्रसाद शास्त्री देवी की शक्ति का जो व्याख्यान कर रहे हैं भक्त उसका श्रवण कर रहे हैं।
उनके द्वारा देवी की महिमा भगवान राम व कृष्ण से भी जोड़ी गई। श्रीमद देवी भागवत की महत्वता का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मां भगवती की कृपा से ही राम का प्राकट्य व महारानी की कृपा से राम जी व कृष्ण जी का अवतार हुआ। उन्होंने महाराज हरिश्चन्द्र, महिषासुर मर्दनी,महात्मा तवस्ता समेत कई अन्य प्रवचनों से भागवत कथा के महत्व का व्याख्यान किया।
श्लोक के माध्यम से अपने प्रवचन में उन्होंने निम्न कथन भी कहे और इन पर विस्तार से भक्तों को बताया।
*झिनानी त्रिशिरीसाणी
पत्तितायनिमद्दा होवे* ।।
*इंद्र शत्रु विवर धस्वा।
कप्रतापा तपसोमम*।।
*भरिया रक्षतों भैरवी।।
इसके अलावा सनातन धर्म, धार्मिक कर्मकांड, देवी उपासना आदि को लेकर भी शास्त्री जी ने महत्वपूर्ण बातें भक्तों के सम्मुख अपने प्रवचनों में रखी।
इधर गत 8 फरवरी से प्रारंभ हुई श्रीमद देवी भागवत कथा में मडपाचार्य प. गोविंद राम भट्ट, व मुख्य पुजारी प. आशीष जोशी हैं। अष्ट भुजा दुर्गा माता मंदिर समिति के संरक्षक अतर सिंह पंवार,अध्य्क्ष नरेंद्र सिंह चौहान, सदस्य देवराज सिंह बिष्ट निवर्तमान सभासद,विजय उनियाल पूर्व सभासद,भगवान सिंह चौहान समेत वार्ड 10 व 11 के समस्त निवासी,ग्रामीण इस दिव्य व अलौकिक धार्मिक आयोजन में सहयोग कर रहे हैं।