जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिषोत आयोग ने बैंक उपभोक्ता के पक्ष में महत्वपूर्ण निर्णय देकर उसकी गलत तरीके से आहरित की गई रकम को 45 दिन के भीतर लौटाने के आदेश संबंधित बैंक को दिए हैं। यह आदेश व निर्णय आयोग के अध्यक्ष पुष्पेंद्र खरे, वरिष्ठ सदस्य प्रेम सिंह भंडारी व सदस्या सुश्री रंजना द्वारा जारी किया गया है।
बता दें कि पीड़ित घनश्याम नैथानी पुत्र स्व. साधु राम नैथानी उम्र 55 वर्ष निवासी ग्राम गुलाड़ी ,पट्टी बनाल,तहसील बड़कोट जिला उत्तरकाशी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिषोत आयोग के समक्ष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा गडोली उत्तरकाशी के प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके बचत खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा एटीएम के माध्यम से 14 मार्च से 19 मार्च 2020 के बीच निकाल ली गई। यह धनराशि डमी एटीएम से निकाली गई जबकि असल एटीएम खातेदार के पास मौजूद था। पीड़ित खातेदार ने आयोग के समक्ष बैंक की लापरवाही मानते हुए उसे उसकी बैंक से निकाली गई रकम 1 लाख 20 हजार 325 रुपये मय 12 प्रतिशत वार्षिक व्याज की दर से दिलाये जाने,आर्थिक नुकसान के रूप में 10 हजार,मानसिक नुकसान के रूप में 50 हजार एवं वाद व्यय के रूप में 5 हजार रुपये दिलाये जाने का आवेदन आयोग के समक्ष रखा गया।
जिसके बाद आयोग ने पीड़ित के मामले को संज्ञान में लेते हुए बैंक को 45 दिन की अवधि में 1 लाख 325 रुपये भुगतान करने ,लापरवाही पर 10 हजार रुपये तथा वाद व्यय पर 2 हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि अवशेष धनराशि 1 लाख 325 रुपये पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 11 जनवरी 2021 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत साधारण वार्षिक व्याज देय होगा और यदि 45 दिन के भीतर भुगतान न हुआ तो उक्त धनराशि पर 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक व्याज देय होगा।