भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. जे.एन. नौटियाल ने कहा है कि उत्तराखंड में आयुष और वेलनेस के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएँ हैं। आयुर्वेद, योग, और वेलनेस के प्रति दुनियाभर में बढ़ती जागरूकता और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों के समाधान की खोज ने उत्तराखंड को इस क्षेत्र का हब बनने की दिशा में प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने आयुष नीति 2023 को लागू किया है, जिसके अंतर्गत आयुष क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए 50% तक की राज सहायता और अन्य सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। इस नीति के माध्यम से राज्य में वेलनेस और पंचकर्म रिजॉर्ट सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने आयुष वेलनेस केंद्रों की स्थापना की है जहाँ आम जनता को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं।
डॉ. नौटियाल ने उत्तरकाशी में निरीक्षण के दौरान कहा कि उत्तरकाशी जनपद में भागवत शिक्षण संस्थान और मंजीरा देवी आयुर्वेदिक कॉलेज द्वारा योग, नेचुरोपैथी, और आयुर्वेद के कोर्स चलाए जा रहे हैं। इससे वेलनेस इंडस्ट्री के लिए कुशल मैनपावर तैयार करने में सफलता मिल रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उत्तरकाशी स्थित पंचकर्म यूनिट में जाकर विभिन्न चिकित्सा सेवाओं का लाभ लें। उन्होंने कहा कि योग और पंचकर्म में डिप्लोमा प्राप्त करके लोग रोजगार प्राप्त कर सकते हैं और अपने वेलनेस सेंटर भी खोल सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में प्रगति होगी निरीक्षण के दौरान संस्थान के निदेशक किशोर सेमवाल,डा. रमा शंकर बलूनी,डॉ जया आदि उपस्थित रहे।