भेड़ू कू तमाशू‘ मेले में पहुंचे मंत्री सौरभ बहुगुणा, बोले सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखना सराहनीय

 

उत्तरकाशी के गाजणा क्षेत्र के दूरस्थ ठांडी गांव में आयोजित पशुपालन की समृद्ध पंरपरा एवं संस्कृति से जुड़े ‘भेड़ू कू तमाशू‘ मेले के त्रैवार्षिक आयोजन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मंत्री सौरभ बुहुगुणा ने कहा कि इस परंपरा के जरिये अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखना सराहनीय व अनुकरणीय है।
उन्होंने कहा कि पशुपालन जैसे परंपरागत क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि गांवों को खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। श्री बहुगुणा ने कहा कि भेड़-बकरी पालन को बढावा देने के लिए सरकार के द्वारा गोट वैली योजना संचालित कर पांच बकरी खरीदने वाले लाभार्थी को सरकार के द्वारा दस बकरी एवं एक बकरा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह नस्ल सुधार के लिए आस्ट्रेलिया से आयातित नर मेरिनो भेड़ भेड़पालकों को 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को 90 प्रतिशत अनुदान पर दस-दस भेड़ उपलब्ध कराने की योजना चलाई जा रही है। इसी तरह के अनेक योजनाओं के जरिए भेड़-बकरी पालन के क्षेत्र में विद्यमान संभावनाओं को साकार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री बहुगुणा ने कहा कि गाजणा पट्टी के ठांडी-कमद क्षेत्र में पशुपालन की समृद्ध परंपरा को सहेजने के साथ ही सांस्कृतिक विरासत को बचाकर रखा है। ऐसे प्रयासों को सरकार पूरा प्रोत्साहन व संरक्षण प्रदान करेगी।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान ने अपने संबोधन कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। सरकार ने उत्तरकाशी जिले व गाजणा क्षेत्र के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिसका लाभ दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ‘भेड़ू कू तमाशू‘ जैसे पारंपरिक आयोजन हमें अपनी विरासत से जोड़े रखते हैं। श्री चौहान ने कहा कि इस मेले के संरक्षण के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।
इस अवसर पर किशोर भट्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र राणा, ब्लॉक प्रमुख शैलेन्द्र कोहली, विनीता रावत, रोशन लाल सेमवाल, विजय बडोनी, सुकेश नौटियाल, डॉ.सीपी भट्ट, कमल किशोर जोशी, मेला समिति के अध्यक्ष प्रमोद डबोला, संयोजक उत्तम गुसांईं सहित क्षेत्र के तमाम जन-प्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
उधर जिले की गाजणा पट्टी के दूरस्थ ठांडी गांव के बौल्याधार में बहुप्रसिद्ध पारंपरिक मेला ‘भेड़ू कू तमाशू‘ (भेंड़ों का उत्सव) का आयोजन हर तीसरे वर्ष होता है। लोक देवता बौल्यानाग, हरि महाराज तथा अन्य लोक देवताओं की डोलियों व धार्मिक प्रतीकों के सानिध्य में इस आयोजन में पशुधन की समृद्धि और लोक मंगल की कामना करते हुए पूजा-अर्चना करने के साथ ही बुग्यालों से लौटी हजारों भेंड़ों के झुंडों के साथ पशुचारकों द्वारा बौल्याधार स्थित मंदिर परिसर की परिक्रमा की जाती है। आज भी मेले के समापन पर हजारों भेड़ों के साथ यह अनूठी परंपरा निभाई गई। पशुपालन मंत्री ने इस मौके पर भेड़ों की आगवानी करने के साथ ही मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर देव डोलियों व निशानों के नृत्य के साथ ही पारंपरिक लोकनृत्यों का आयोजन भी किया गया।

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