उत्तरकाशी में गंगा घाट मणिकर्णिका का बड़ा महत्व है। स्थानीय देव डोलियों का भी इसे स्नान घाट माना जाता है।गंगा स्नान हो या फिर शिवालययों में जलाभिषेक के लिये गंगा जल इसी घाट से जल लेने का महत्व है। धार्मिक कर्मकांड भी इसी घाट में सम्पन्न होते हैं। यहाँ गंगा आरती का भी बड़ा महत्व है और हर रोज गंगा आरती सम्पन्न होती है।
इस बीच जिला व्यापार मंडल ने मणिकर्णिका गंगा घाट में गंगा आरती को भव्य रूप देने के लिये एक बैठक कर विचार विमर्श किया। अध्यक्ष सुभाष बडोनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में गंगा आरती को हरिद्वार की तर्ज पर भव्य रुप देने के लिए चर्चा हुई। अध्यक्ष ने कहा की आरती के माधम से गंगा तट मे आम जन मानस के सहयोग से गंगा आरती को भव्य रूप देने के साथ ही गंगा घाट मे समय-समय पर स्वच्छता अभियान भी किया जायेगा। चार धाम यात्रा मे देश विदेश से आने वाले यात्रियों को भी गंगा आरती के दर्शन कराए जा सकेंगे। व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाधयक्ष अजय बडोला ने कहा की मणिकर्णिका घाट का पौराणिक महत्व है साथ ही यहाँ गंगा आरती ,जप,तप दान का महत्व भी है। उन्होंने बताया कि संस्कृत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं व गंगा मंदिर कीर्तन मंडली के माध्यम से यहाँ वर्तमान में गंगा आरती को भव्य रूप दिया जा रहा है। जिला व्यापार मंडल सभी धार्मिक संगठनों के लोगों को गंगा आरती में भी आमंत्रित कर रहा है। बैठक मै नरेन्द्र पंवार, राजेन्द्र व्यास,मनीष,प्रवेश भट्ट,कन्हैया नौटियाल, शुभम,लकी,अनिरुद्ध शंकर जोशी, आशुतोष नोटियाल, प.इंदु शेखर नौटियाल, ओमप्रकाश भट्ट,रमेश चदोक, पुष्पा पवार,मुरली भट्ट सहित अन्य शामिल रहे।