उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन सवांद यात्रा पहुंची उत्तरकाशी, यात्रा का मकसद तीनों संगठनों को न्याय पंचायत स्तर से है मजबूत बनाना

 

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन की संवाद यात्रा मंगलवार को उत्तरकाशी पहुंची। यात्रा दल के सदस्यों ने जिले के त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यों की मन की बात टटोली। उन्होंने कहा कि तीनों संगठनों को न्याय पंचायत स्तर पर मजबूत बनाने के लिए यात्रा निकाली गई है। तीनों संगठनों के सदस्यों में संगठन के एक सूत्रीय मांग दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर अपने सुझाव भी दिए।
जिला सभागार में आयोजित संवाद यात्रा की बैठक में इस आंदोलन के नोडल संगठन ग्राम प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष ने यात्रा दल का स्वागत करते हुए आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लेने का सुझाव दिया।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि यात्रा 22 अगस्त से केदारनाथ से निकली है। यात्रा 13 जनपदों में जाएगी।
उन्होंने कहा कि यात्रा का मकसद तीनों पंचायत के न्याय पंचायत स्तरीय सदस्यों के साथ बातचीत करना है। उन्होंने कहा कि 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने के लिए सरकार को संवैधानिक तथा विधिक प्रमाण संगठन के द्वारा दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को सरकार के द्वारा घोषित समय समाप्त हो रहा है। 4 सितंबर तक चलने वाली इस यात्रा के बाद अगर सरकार फिर चालाकी दिखाती है तो उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने कहा कि ग्राम प्रधान संगठन को हर जिले में न्याय पंचायत स्तर पर संयोजक बनाकर तीनों पंचायत के वार्ड मेंबर्स, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्यों के साथ समस्त क्षेत्र प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्षों को इस मुहिम साथ जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार उत्तराखंड राज्य इस बात का साक्षी बना है कि यहां तीनों पंचायतें एक साथ संगठित होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे है। उन्होंने कहा कि संगठन किसी भी दशा में पीछे हटने वाला नहीं है। उन्होंने स्पष्ट क्या किया है कि यह यात्रा 100 प्रतिशत गैर राजनीतिक है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार के आज तक के प्रयासों पर संगठन सरकार का धन्यवाद देती है।संगठन की मांग है कि अब सरकार संगठन को लिखित दे कि वह दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर सहमत है।
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, डुण्डा के क्षेत्र प्रमुख शैलेन्द्र कोहली, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री विनोद बिजल्वाण,जिला मीडिया प्रभारी देवेंद्र सिंह नेगी,जिला अध्यक्ष अरविंद पंवार ,अंकित रावत, प्रदीप राज, प्रदेश सचिव सुनीता नेगी , प्रधान योगिता राणा, शेखर पंवार, आशा रावत, बबीता जोशी, सीमा गौड़ सहित छ: विकास खंडों के त्रिस्तरीय पंचायत सदस्यों ने भाग लिया।

उधर प्रदेश संयोजक त्रिस्तरीय पंचायत जगत मर्तोलिया ने कहा कि हम उस जनता की लड़ाई लड़ रहे है, जिसने हमें 5 साल कार्य करने के लिए चुना था। उन्होंने कहा कि राज्य के विधायक अपने वेतन और भत्ता बढ़ाने के लिए राजनीतिक दीवारों को तोड़कर एकजुट हो जाते है। लेकिन हम इस उत्तराखंड के जमीन, पर्यावरण तथा बेटियों को बचाने के साथ आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए एकजुट हुए है। उन्होंने दावा किया कि इसके परिणाम अगले दो वर्ष में उत्तराखंड की जनता को दिखेंगे।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 2 साल तक पंचायत की बैठक नहीं हुई। पंचायत में बजट नहीं आया। हम अपनी जनता से किए गए वायदो को पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड के 70 विधानसभा में 24 साल के भीतर विधायक निधि तथा सांसद निधि से जो कार्य किए गए है। उनको अगर जनता की अदालत में तोला जाए तो पंचायतों ने उससे अधिक कार्य किया है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि 2 वर्ष का जो कार्यकाल बढ़ेगा वह उत्तराखंड में राजनीति की एक नई दिशा पैदा करेगा। उत्तराखंड के जमीन, पर्यावरण, रोजगार तथा यहां की बेटियों के सम्मान के साथ आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए समर्पित रहेगा। उन्होंने कहा कि 24 वर्षों के भीतर कहीं पर भी यह नहीं दिखता है कि अपना उत्तराखंड हिमाचल की तरह आत्मनिर्भर बनने को जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कोई उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बना सकता है तो वह त्रिस्तरीय पंचायतें है।
उन्होंने कहा कि सांसद और विधायक अपना वेतन भत्ता बढ़ाने के लिए राजनीतिक दीवारों को फांद कर एकजुट होते है, लेकिन हम तीनों पंचायतों के सदस्य अपने ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत में रहने वाली जनता के विकास के लिए एकजुट हुए है।

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