चारधाम यात्रा व्यवस्था, यात्रा से जुड़े कारोबारियों में सरकार के ऑनलाइन पंजीकरण के फरमान को लेकर आक्रोश

 

चारधाम यात्रा शुरू होने को अब कम समय बचा है। 10 मई से यात्रा शुरू हो रही है। यात्रा व्यवस्था में सरकार की ओर से ऑनलाइन पप्रोसेस जो जारी किया गया है उसको लेकर चार धाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों में रोष है साथ ही सरकार के फैसले का विरोध किया जा रहा है। गंगोत्री धाम के प्रवेश द्वार में आज चार धाम यात्रा से जुड़े चार धाम होटल एसोसिएशन,उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन,गंगोत्री मंदिर समिति,बस यूनियन, टैक्सी यूनियन,से जुड़े पदाधिकारियों ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर सरकार का जो फैसला है उसका विरोध वे दर्ज कर रहे हैं। चार धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने कहा कि एक ओर सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है तो दूसरी ओर चार धाम यात्रा जो कि यहाँ की आर्थिकी से जुड़ी है उस पर तुगलकी फरमान जारी कर सरासर अन्याय कर रही है।
उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के ऑनलाइन पंजीकरण का तुगलकी फरमान जिस तरह से जारी किया गया है वह कही से भी न्याय संगत नहीं है। इसमें कई तरह की खामियां है,जिस कारण देश-विदेश से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को अनावश्यक परेशानी हो रही है साथ ही उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने गंगोत्री घाटी में 11000 व यमुनोत्री में 9000 यात्रियों की संख्या को सीमित किया गया है और सरकार का तर्क है कि पर्याप्त आवासीय व्यवस्था के न होने के कारण यह व्यवस्था की जा रही है जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार यात्रा व्यवस्था की तैयारी और इसके प्लान बनाने के दौरान यात्रा से जुड़े लोगों को बुलाये तो यात्रा का सही प्लान बने मगर नहीं। देहरादून में बैठ कर यात्रा व्यवस्था तय कर ली जाती है तो कैसे पता चलेगा कि यात्रा रूट और धामों में वर्तमान में कितने यात्री व्यवस्थित हो सकते हैं। श्री पुरी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने पर्यटन में रोजगार को लेकर यात्रा मार्गों,धामों आदि में यात्रियों के ठहरने आदि के लिये जो व्यवस्था अब तक बना ली है उनमें कम से कम 50 हजार से अधिक लोग ठहर सकते हैं लिहाजा यात्रियों की सीमित संख्या का कोई औचित्य नहीं बनता। उन्होंने सरकार से मांग की, कि इस तरह का फैसला न थोपा जाय। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा ने कहा कि चार धाम यात्रा कारोबार से जुड़े लोगों की यही आजीविका है और यदि इस पर लगाम लगेगी तो यह अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का हम पुरजोर विरोध करते हैं। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल का कहना था कि यात्रा में सीमित संख्या का कोई औचित्य नहीं बनता उन्होंने कहा कि अब चार धाम यात्रा में व्यवस्थाएं पर्याप्त हैं। इस अवसर पर व्यापार मंडल अध्यक्ष रमेश सेमवाल,माधव जोशी,अशोक सेमवाल, अंकित उप्पल समेत
होटल एसोसिएशन, चारधाम होटल एसोसिएशन, गंगोत्री मंदिर समिति, बस यूनियन,व्यापार मंडल, टैक्सी यूनियन के सदस्य मौजूद थे।

 

 

 

 

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