विश्व जल दिवस पर जल के महत्व को लेकर नौला फाउंडेशन की ओर से हुआ जल चर्चा संवाद कार्यक्रम आयोजित, जल संगोष्ठी के प्रतिभागियों को भी किया सम्मानित

 

आज विश्व जल दिवस के अवसर पर नौला फाउंडेशन के तत्वाधान में घनश्यामानंद सरस्वती विद्या मंदिर कॉलेज, लक्षेश्वर में जल चर्चा संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। पर्यावरणविद प्रताप सिंह पोखरियाल, प्रधानाचार्य अर्जुन सिंह गुसाई, गंगा विश्व धरोहर मंच के संयोजक एवं नौला केदारखंड क्षेत्र के समन्वयक ड़ॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने छात्रों को जल के महत्व, संरक्षण व जल गुणवत्ता तथा जल साक्षरता पर तमाम जानकारियों से परिचित कराया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए आयोजित जल संगोष्ठी में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान क्रमशः अदिति, सोनिका व हर्षिता ने पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान क्रमशः सलोनी, आराधना व विकास ने, निबंध प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान क्रमशः शिवांश, अंशिका व विवेक ने प्राप्त किया। इसी प्रकार जल प्रश्नोत्तरी में हर्षिता, आदिति नेगी व विवेक भट्ट ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। तदोपरांत उक्त सभी प्रतिभागियों व विजेताओं को सम्मानित किया गया।
चर्चा में वक्ताओं ने कहा कि दुर्भाग्य से समय के साथ आबादी में वृद्धि, अनियोजित नदियों के तटों पर बढ़ता शहरीकरण और औद्योगीकरण की वज़ह से गंगा सहित तमाम नदियों का जल प्रदूषित होने से पीने लायक नहीं रह रहा है। कृषि में अंधाधुंध रसायनिक खादों व कीटनाशकों के उपयोग के कारण भी गंगा एवं इसकी सहायक नदियों में प्रदूषक तत्त्वों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बताया गया कि नौला फाउंडेशन एक समुदाय आधारित गैर-लाभकारी संस्था है जो पहाड़ के पानी के परम्परा के प्रतीक नौले धारों जल स्रोतों की उत्तराखंड में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें जल आंदोलन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल है। वक्ताओं ने कहा कि पानी का सतत प्रबंधन करके, हम अपने भोजन और ऊर्जा के उत्पादन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और सभ्य कार्य और आर्थिक विकास में योगदान करने में भी सक्षम हैं। यदि मनुष्य चाहता है कि भविष्य में वह पानी की एक बूंद के लिए ना तरसे तो अभी से ही उसे पानी के उपयोग पर कटौती करनी पड़ेगी,अर्थात जितने पानी की जरूरत है उतना ही प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए ताकि सही समय पर सही मात्रा में बारिश हो और पीने लायक पानी धरती को प्राप्त हो सके। इस अवसर पर राजवीर राणा, बद्री चौहान, माधवी डंगवाल, धर्मेश सेमवाल, राकेश कुमार तथा अंजना सेमवाल आदि उपस्थित थे।

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