सर्द मौसम में निकाय चुनाव की अधिसूचना लाई गर्माहट, दावेदारी व टिकट को लेकर सरगर्मी बढ़ी

 

निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हुई। इसी के साथ आदर्श आचार संहिता भी लागू हुई। नए साल के आगमन पर जहाँ बर्फबारी के साथ ठिठुरन बढ़ी तो वहीं एन वक्त पर निकाय चुनावों की अधिसूचना ने कुछ तो गर्माहट ला दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद अब जहाँ राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है तो वहीं दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त में सुगबुगाहट तेज हो गई है।
उत्तरकाशी नगर पालिका परिषद में चेयरमैन की सबसे हॉट सीट मानी जाती है। इस बार यह सीट ओबीसी के लिये आरक्षित हुई है। इस सीट को लेकर पूर्व में महिला दावेदारी को लेकर चर्चा चली। वह इसलिये की पिछले कुछ चुनावों में एक बार सामान्य तो एक बार महिला के लिये यह सीट आरक्षित होती आई थी। अलबत्ता महिला आरक्षित होने के फौरन बाद इसमें संसोधन हो गया और सीट ओबीसी सामान्य हो गई मसलन पुरुष,महिला कोई भी दावेदारी कर सकता है। सीट के आरक्षण को लेकर महिला दावेदारों में अंदरूनी नाराजगी इस लिहाज से भी मानी जा रही है कि एक लंबे समय से महिला सीट आरक्षित होने के इंतजार में अनंत पानी फिर गया। अब देखना है की कोई राजनीतिक दल किसी महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारने को आगे लाता है या फिर राजनीतिक सूत्र बता रहे हैं कि ऐसा न हुआ तो बतौर निर्दलीय भी महिला उम्मीदवार चुनाव में उतर सकती है।
उत्तरकाशी पूर्व से ओबीसी घोषित है लिहाजा ओबीसी दावेदारों की यहाँ कोई कमी नहीं है। भाजपा जैसे राजनीतिक दल में तो चेयरमैन पद की दावेदारी को लेकर एक लंबी फेहरिस्त है। पार्टी किसे टिकिट देगी अन्ततः यह भाजपा आलाकमान तय करेगा अलबत्ता आधा दर्जन से अधिक दावेदार भाजपा के बताए जा रहे हैं। टिकट फाइनल होने पर यह भी तय माना जा रहा है कि भाजपा की फौज में अंदरूनी कलह उपजेगा। कुछ पार्टी के सिद्धांत से हटकर चुनाव में भी उतर सकते हैं। पार्टी आलाकमान के सूत्र बताते हैं कि उन्हें हर हाल में सीट भाजपा के खाते में चाहिये इससे साफ होता है कि जिसका नगर में जनाधार हो और जिसमे सीट निकालने की काबिलियत व जिताऊ हो सकता है भाजपा उसी पर दांव खेलेगी। उधर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में निकाय चुनाव को लेकर उतनी गहमागहमी नहीं है। कांग्रेस से अधिकांश लोग लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के हो लिये थे। मगर भाजपा की फौज में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं में किसकी कितनी अहमियत,पूछ ये कार्यकर्ता बखूबी जानते हैं। एक कांग्रेस के पदाधिकारी का तो यहाँ तक कहना है कि घर वापसी कई चाहते हैं। निकाय चुनाव की घोषित तिथि के नजदीक आते-आते घर वापसी संभव है।

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