डीएम उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला ने शीतकाल में जिले के ट्रैकिंग व पर्यटन से संबंधित गतिविधियों पर निरंतर निगरानी और नियंत्रण रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि पर्यटकों व ट्रैकर्स की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाय। डीएम ने संबंधित विभागों को शीतकाल के इस पीक सीजन में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए नियामक उपायों के क्रियान्वयन के विशेष प्रयास करने की हिदायत देते हुए ट्रैंकिग व पर्वतारोहण एजेंसियों की दक्षता, अनुभव एवं उपकरणों के उपयुक्तता के सत्यापन के लिए जिला स्तर पर एक समिति का भी गठन किया है। डीएम ने शीतकाल में ट्रैकिंग मार्गों व पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के साथ ही बर्फबारी के कारण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सड़कें बंद होने की स्थिति में किए जाने वाले उपायों और अन्य जरूरी एहतियातों का अनुपालन करने के संबंध में प्रशासन, वन, पर्यटन, आपदा प्रबंधन, एनआईएम सहित विभिन्न विभागों व संगठनों के अधिकारियों की बैठक लेकर अवैध तरीके से ट्रैंकिग व पर्वतारोहण गतिविधियां संचालित करने के मामलों में सख्त कार्यवाही किए जाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि वन विभाग व पर्यटन विभाग ट्रैकर्स व पर्यटकों के आवागमन से संबधित सूचनाओं को नियमित रूप से जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नियंत्रण कक्ष को उपलब्ध कराएंगे। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान भी इस तरह की सूचनाएं नियंत्रण कक्ष से साझा करेगा।
डीएम ने कहा कि वन विभाग के सभी प्रभाग और पार्क प्रशासन ऑनलाईन या एकल खिड़की व्यवस्था के जरिए ट्रैंकिग व पर्वतारोहण की अनुमति निर्गत करने की व्यवस्था बनाएं। इससे सभी पक्षों को सहूलियत होगी और अनियंत्रित व अवैध आवाजाही पर रोक लगाने में मदद मिल सकेगी। डीएम ने कहा कि सुरक्षा व सुविधा के दृष्टिगत ट्रैंकिग व पर्वतारोहण एजेंसियों को प्रभावी तरीके से विनियमित किया जाना जरूरी है। इसके लिए वन व पर्यटन विभाग अपने स्तर से कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि ट्रैंकिग व पर्वतारोहण एजेंसियों की दक्षता, अनुभव एवं उपकरणों का सत्यापन किया जाना आवश्यक है। इसके लिए जिला स्तर पर एक समिति का भी गठन करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस समिति में नेहरू पर्वताोहण संस्थान, एसडीआरएफ तथा साहसिक खेल कार्यालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस समिति के अनुसंशा पर ही जिले में ट्रैंकिग व पर्वतारोहण से जुड़ी एजेंसियों के पंजीकरण नवीनीकृत हो सकेंगे।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डी.पी. बलूनी, उप जिलाधिकारी पुरोला देवानंद शर्मा, बड़कोट मुकेश चंद रमोला, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पाण्डेय, गोविन्द पशु विहार की उप निदेशक अभिलाषा सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी टौंस कुंदन कुमार , नेहरू पर्वतारोह संस्थान के उप प्रधनाचार्य मेजर देवल बाजपेई, जिला पर्यटन विकास अधिकारी जसपाल सिंह चौहान, जिला साहसिक खेल अधिकारी मो. अली खान, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सलाहकार जय प्रकाश सिंह पंवार आदि ने भाग लिया।