उत्तरकाशी नगर में तामाखानी सुरंग से राहगीरों को आवाजाही में कई दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। वाहनों के गुजरने के दौरान फुटपाथ की जगह न मिलना, सुरंग में पानी व कीचड़ भरा होना, कई मर्तबा घुप्प अंधेरा हो जाना और इससे राहगीरों के लिये सुरंग पार करने के दौरान दुर्घटना का खतरा बने रहना यह सबसे बड़ी वजह है। दिक्कतों के बीच 354 मीटर सुरंग की लंबाई तय करना कितना भारी पड़ता है यह राहगीर ही जानता है। सुरंग निर्माण के वक्त राहगीर आसानी से सुरंग कैसे पार करेगा इसे न तो देखा गया और न ही इसे गंभीरता से लिया गया। सुरंग निर्माण के तब के ऐक्सपर्ट की डिजाइन पर तब लोगों को हंसी आती है जब सुरंग के अंदर सड़क के दोनों ओर बनाये फुटपाथ पर सिर्फ एक व्यक्ति ही आगे बढ़ सकता है,खुदनखास्ता दूसरी तरफ से कोई व्यक्ति आ जाये तो दोनों को अपने शरीर को सीधे और सपाट करने की नौबत आ जाती है और यदि पीठ या हाथ मे बैग, सामान आदि हो तो तब और भी मुश्किल हो जाती है। यही वजह है कि सुरंग से रास्ता पार करते आ रहे राहगीर अब तंग आ चुके हैं और वर्षो पुराने सुरंग के बाहर के रास्ते जो कि सुरंग बनने से पहले गंगोत्री हाईवे हुआ करता था उसे खोलने की बात कर रहे हैं। नगर से ज्ञानसू, जोशियाड़ा या फिर ज्ञानसू,जोशियाड़ा से नगर की ओर आने वाले अधिकांश राहगीरों ने सुरंग पार करने में अपनी पीड़ा बंया करते हुए सुरंग के बाहरी रास्ते को आवागमन के लिये सुलभ कराने की मांग की है।
उधर देखा जाय तो सुरंग का बाहरी रास्ता बंद नहीं हुआ था। इस मार्ग पर जो ढक्कन लगा है वह नगर पालिका बाड़ाहाट की मेहरबानी है। इस मार्ग के मुहाने पर पड़े कूड़े के ढेर को हटा दिया जाय तो मार्ग खुद ब खुद राहगीरों के लिये खुल जायेगा। पालिका की चाबी अब प्रशासन के हाथ मे है लिहाजा लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि देर सवेर कूड़ा हट जाएगा तो रास्ता खुल जायेगा। इसके अलावा सुरंग के हालात देख सुरंग के बाहर वैकल्पिक मार्ग जब पूर्व से ही बना है तो इसे दुरुस्त करने में कूड़े की बाधा कोई मायने नहीं रखती।