दो हफ्ते का समय बचा है जब नए पालिका बोर्ड का आगमन होगा। कौन से चेहरे का नाम इस बोर्ड पर चस्पा होगा यह मतदाताओं के फैसले पर होगा। अभी भी लंबा समय और एक-एक दिन भारी पड़ रहा है दावेदारों को। मगर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सस्पेंस भी बरकरार है और यह सस्पेंस है वोट किस करवट बैठेगा। निकाय चुनाव के इस समर में कई नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है तो कई 2027 की उम्मीद को भी लेकर चल रहे हैं। फिलहाल पासा कहाँ पलटेगा वह बैलेट पेपर ही बताएगा।
पालिका उत्तरकाशी पर एक नजर दौड़ाएं तो उत्तरकाशी में सर्वप्रथम नगर पालिका परिषद बनने पर 1918 में सैनिटेशन कमेटी के रूप में इसकी स्थापना हुई जो कि 1919 तक रही। 1919 से 1948 तक टिहरी रियासत की ओर से प. राधाबल्लभ खडूडी चैयरमैन रहे। 1949 में बाल कृष्ण नौटियाल सेनिटेशन कमेटी के चेयरमैन रहे। 1949 से 1957 तक स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद सेनिटेशन कमेटी के अध्यक्ष रहे। 1958 से 1963 तक विद्या सागर रतूडी नगर पालिका परिषद के चेयरमैन रहे। 1964 से 1970 तक पालिका की कमान प्रशासक के हाथों रही। 1971 में कमला राम नौटियाल चेयरमैन बने। 1977 में कार्यकाल पूर्ण होने के बाद 1978 से 1988 तक पालिका प्रशासक के हाथों में रही। 1988 में एक मर्तबा पुनः कमला राम नौटियाल चेयरमैन बने। इसके बाद 1997 में विजय पाल सजवाण,2003 में सुधा गुप्ता,2008 में भूपेंद्र चौहान,2013 में जयेंद्री राणा, 2018 में रमेश सेमवाल चेयरमैन बने। अब देखना है कि 2025 में किसे मिलता है ताज।