उत्तराखंड में अभी निकाय चुनावों की इंतजारी है। एक साल होने को है पिछले निकाय के कार्यकाल खत्म हुए का। पहले चर्चा व सूत्रों के हवाले से खबर चल रही थी कि 10 नवम्बर से पहले अधिसूचना जारी हो जाएगी मगर ऐसा हुआ नहीं। अब बताया जा रहा है कि तकनीकी पेंच के चलते चुनाव का नोटिफिकेशन संभवतः 25 नवम्बर से पहले जारी नही हो पायेगा इसके लिये सरकार ने भी हाइकोर्ट से दो हफ्ते का समय मांगा है। उधर केदारनाथ उप चुनाव के चलते रुद्रप्रयाग जिले में आचार संहिता लगी है जो कि 25 नवम्बर तक लागू रहेगी।इस जिले में भी पांच नगर पंचायत व एक नगर पालिका है। इधर एक वजह यह भी है कि अधिसूचना जारी होने से पहले जिलों में ओबीसी आरक्षण भी लागू होगा और जब तक उक्त आरक्षण लागू नहीं होगा तब तक चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हो सकती।
इस बीच चुनाव की इंतजारी में एक लंबी फेहरिस्त दावेदारों की बाड़ाहाट, उत्तरकाशी नगर पालिका परिषद पर है। सीटों का निर्धारण, आरक्षण अभी तय और जारी नहीं हुआ अलबत्ता दावेदार संभावना को लेकर आस में हैं। नगर पालिका उत्तरकाशी में खासकर चेयरमैन के पद को लेकर सर्वाधिक चर्चा व इसके आरक्षण को लेकर होती है। वर्तमान में भी यही कुछ बाजार,चाय की दुकानों, चौराहों में अकसर चर्चा हो रही है कि सीट आंखिर कहाँ जाएगी?महिला होगी या पुरुष। इस बार ओबीसी आरक्षण भी लागू होना है। उत्तरकाशी जिला ओबीसी अंतर्गत है। पिछले चार बार के निकाय चुनाव को लें तो उत्तरकाशी में एक बार महिला तो एक बार सामान्य के लिये सीट आरक्षित होती रही। इस बार ओबीसी आरक्षण भी लागू होगा सीट का निर्धारण क्या होगा? अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।
फिर भी राजनीतिक सूत्रों की माने तो संभावित पुरुष व महिला दावेदार अपनी दावेदारी को लेकर जोर-आजमाइश में जरूर हैं। आला नेताओं तक अपनी दावेदारी को लेकर भी जुगाड़ में हैं। जिनमे सत्तारूढ़ दल की संख्या ज्यादा है। विपक्ष का खेमा जिसमे अधिकांश लोग गत लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल में शामिल हो लिये और अब जो शेष प्रमुख विपक्षी दल में बचे हैं बताया जा रहा है कि उनके बीच भी निकाय चुनाव को लेकर सुगबुगाहट है। कुछ स्वतंत्र रूप से भी इस चुनाव को लेकर तैयारी में बताए जा रहे हैं।राजनीतिक सूत्र यह भी बताते हैं कि सीटों के निर्धारण व निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद टिकट बंटवारे को लेकर घमासान होना तय है।