उत्तराखंड बचाओं संघर्ष समिति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के सम्मुख मुनस्यारी तथा धारचूला को पुन: इनर लाइन की परिधि में लाए जाने की मांग को रखने का फैसला लिया है। समिति ने दोनों तहसीलों में लगातार हो रही भूमि खरीद-फरोख्त पर रोक लगाए जाने की मांग पर प्रदेश की भाजपा सरकार तथा संगठन द्वारा सहयोग नहीं दिए जाने की शिकायत करने का मन भी बनाया है। समिति के राज्य संयोजक तथा चीन सीमा क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि 17 से 19 नवंबर को संघ के सरसंघ चालक का सीमांत जिले में प्रवास का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
श्री मर्तोलिया ने कहा कि चीन तथा नेपाल सीमा से लगे मुनस्यारी तथा धारचूला क्षेत्र को बाहरी घुसपैठियों से मुक्त रखने के लिए इनर लाइन की परिधि में रखा गया था। समय-समय पर राज्य सरकारों ने पंचायतों को विश्वास में लिए बगैर प्रस्ताव भेजकर इनर लाइन को अब निर्जन क्षेत्र मुनस्यारी में लाखुरी भेल तथा धारचूला में छियालेख पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि इनर लाइन को पुन: मुनस्यारी में नोलडा तथा धारचूला में जौलजीबी शिफ्ट किए जाने का प्रस्ताव विधानसभा में भी रखा गया था। जिसका परीक्षण भी हो गया है। उन्होंने बताया कि मुनस्यारी तथा धारचूला क्षेत्र में लगातार बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद कर तथा रोजगार के क्षेत्र में घुसपैठ बढ़ रही है। इसे रोकने की मांग को लेकर आंदोलन भी किया जा रहा है। इस कार्य में राज्य सरकार का कोई सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा रोजगार तथा जमीन खरीदारों का नियमित रूप से वेरिफिकेशन भी नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र की विशिष्ट संस्कृति, सभ्यता को बचाने के लिए राज्य सरकार को तत्काल इन दोनों तहसीलों को इनर लाइन की परिधि में लाने के लिए केंद्र सरकार से पैरवी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र की सुरक्षा तथा क्षेत्र को इस घुसपैठ से बचाने के लिए सरसंघचालक को समिति की ओर से ज्ञापन भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इनर लाइन तथा भूमि खरीद- फरोख्त के मामले में शिकायत के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं दिया जा रहा है।