उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देश पर समूचे प्रदेश भर के नर्सिंग अधिकारीयों ने आज काली पट्टी लगाकर अपनी मांगों और समस्याओं के निराकरण के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। नर्सेज एसोसिएशन अधिकारियों ने जिन 23 सूत्रीय मांगों के निराकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया उनमे उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक एवं अपर निदेशक(नर्सिंग)के पद पर प्रोन्नति करने,सहायक नर्सिंग अधिक्षिका के पद पर प्रोन्नति,
वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद पर प्रोन्नति,नर्सिंग संवर्ग के कार्मिकों को व्यवसायिक शैक्षिक योग्यता एवं कार्य दायित्वों को देखते हुए नर्सिंग अधिकारी को प्राथमिक ग्रेड पे 5400 रुपये करने, नर्सिंग अधिकारीयों को दो वर्ष क़ि सेवा पूर्ण करने के उपरांत ग्रेड वेतन 4800₹ किया जाना तथा प्रथम पदोन्नति पर 5400 ₹ ग्रेड पे अनुमन्य करने
,नर्सिंग संवर्ग के कार्मिकों को शासनादेश संख्या 1331 दिनांक 10 मई 2011 के द्वारा ग्रेड वेतन 4600₹ मूल वेतनमान 13860₹ अनुमन्य किया गया है,वर्तमान में सेवानिवृत होने वाले नर्सिंग अधिकारीयों का वेतन त्रुटिपूर्ण होने के कारण जो वसूली की जा रही है उस पर रोक लगाने,पदोन्नति के पद बढ़ाये जाने, नर्सिंग भत्ता व वर्दी भत्ता बढाने,केंद्र सरकार क़ि भांति नर्सिंग कर्मियों को 99 डे ऑफ देने,वरिष्ठता की गणना नियुक्ति तिथि से करने, पूर्ण वेतन पर उच्च शिक्षा जैसे पोस्ट बेसिक बी एस सी नर्सिंग एवं एम एस सी नर्सिंग करने,पदनाम की नियमावली में संशोधन करने, पारस्परिक स्थानांतरण,पुरानी पेंशन बहाली,जोखिम भत्ता,कोरोना काल की प्रोत्साहन राशि देने,मकान किराया वसूली कटौती पर रोक, कोरोना काल का रुका डीए अनुमन्य करने,एनसीपी के पूर्व की भांति लाभ,वार्षिक पदोन्नति, सेवानिवृति आयु 65 वर्ष करने, नर्सिंग संवर्ग के पदोन्नति के लिये महानिदेशालय में ईमेल के माध्यम से आने वाले प्रविष्टि मान्य हों ताकि पदोन्नति में विलम्ब न हो,चिकित्सा चयन बोर्ड द्वारा मेडिकल कॉलेज में जल्द से जल्द नर्सिंग अधिकारियों कि नियुक्ति करने व प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 पद एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 पद वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पदों के सृजन करने की मांग शामिल है।
प्रदेश अध्यक्षा भारती जुयाल ने बताया कि आज 3000 से ज्यादा नर्सिंग अधिकारियों ने मांगो को लेकर प्रदर्शन में भाग लिया। महामंत्री एलवीना मैथ्यु का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
प्रदेश प्रभारी गिरीश उनियाल ने कहा, हमारी मांगे न्यायसंगत और जरूरी हैं। हम अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से लड़ रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार हमारी बात सुनेगी और हमारी समस्याओं का समाधान करेगी।