रामचंद्र उनियाल पीजी कॉलेज उत्तरकाशी की 3/3 एसडी, एनसीसी प्लाटून ने एनसीसी के पुनीत सागर अभियान के अंतर्गत वर्ल्ड मैरीटाइम डे हेतु सेमिनार का आयोजन किया। महाविद्यालय एनसीसी प्रभारी डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने बताया कि एनसीसी के पुनित सागर अभियान के अंतर्गत महाविद्यालय एनसीसी कैडेट्स ने वर्ल्ड रिवर्स डे व वर्ल्ड टूरिज्म डे पर नदी तट व घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाया। इसी क्रम में आज सामुद्रिक स्वच्छता हेतु वर्ल्ड मैरिटाइम डे पर सेमिनार का आयोजन किया गया । सेमिनार में डॉ. सुनीता भंडारी ,भूगोल विभाग ने एनसीसी कैडेट्स को नदियों व समुद्र के पारिस्थितिक तंत्र से परिचित कराते हुए कहा कि मानवीय क्रियाकलापो के कारण नदियों में प्रदूषण बढ़ा है जिससे नदियों व समुद्रीय जीव जंतुओं के पारस्थिकी तंत्र में विनाशकारी प्रभाव देखने को मिल रहे है। सेमिनार में मुख्य विशेषज्ञ के रूप में प्रतिभाग करते हुए जंतु विज्ञान विभाग की विभाग अध्यक्ष प्रो. मधु थपलियाल ने वैज्ञानिक शोध के संदर्भ से अवगत कराया कि यदि प्लास्टिक का उपयोग इस तरह से जारी रहा तो 2050 तक समुद्र में समुद्री जीवों व प्लास्टिक कचरे की हिस्सेदारी बराबरी की हो जाएगी । उन्होंने छात्राओं को विस्तार से सागरों में प्लास्टिक प्रदूषण के कारकों , प्रभाव व निवारण के बारे में भी बताया। उन्होंने प्लास्टिक के साथ रिड्यूस, रियूज व रिप्रोड्यूस थीम से निपटने के लिए कैडेट्स को उत्साहित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो पंकज पंत ने विद्यार्थियों को विश्व सामुद्रिक दिवस के इतिहास , वैश्विक व्यवसाय में सामुद्रिक मार्गो की भूमिका से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सागर हमारे नेचुरल सिंक की भूमिका भी निभाते है लेकिन अनियंत्रित गतिविधियों के चलते मानव ने इन्हें सीमा से अधिक प्रदूषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज इसका दुष्प्रभाव वैश्विक तापमान में हो रहे परिवर्तनों, मानसून के समय व प्रबलता में आए बदलाव, विनाशकारी चक्रवातों, तूफानों के रूप में दिख रहा है।
कार्यक्रम में 50 से अधिक एनसीसी कैडेटों ने प्रतिभाग किया। सेमीनार में सीनियर अंडर ऑफिसर सोमेश बिष्ट, अंडर ऑफिसर इशिका, अंशुमान राणा, खुशबु रावत, सचिन राणा आदि उपस्थित रहे।