सिलक्यारा सुरंग के भू धंसाव से अवरुद्ध हिस्से में बड़े व्यास के एमएस पाइप डालकर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग हेतु ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। 900 एमएम व्यास के पाइपों से लदे ट्रक मध्यरात्रि से ही सिलक्यारा पहुंचना शुरू हो गए थे। सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन की सहायता से बड़े व्यास के एमएस पाईप डालने की तैयारी अंतिम दौर में है, कुछ ही देर में अवरुद्ध हिस्से में पाईप डालने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। मौके पर जरूरी साजो सामान के साथ विशेषज्ञ व इंजीनीयर्स भी मौजूद हैं।
उधर मीडिया सेल उत्तरकाशी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार टनल में रेस्क्यू कार्य युद्व स्तर पर जारी है। 900 मिमी व्यास के पाइप व आगर ड्रिलिंग मशीन भी साइट पर पहुंच चुकी है। आगर मशीन के लिये प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है और कार्य प्रगति पर है।
इधर शासन के द्वारा सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुँच गया था। दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है। विशेषज्ञों के इस दल में निदेशक यूएमएमसी देहरादून डॉ.शांतनु सररकर,डॉ. खइंग शिंग ल्युरई वैज्ञानिक एफ.वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी, सुनील कुमार यादव वैज्ञानिक जीएसआई, कौशिल पंडित वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़क, जी.डी प्रसाद उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग, तनड्रिला सरकार भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून शामिल हैं।