सुरंग में मलवा हटाने का कार्य लगातार जारी है। वायरलेस वाकी-टॉकी से टनल के अंदर फंसे मजदूरों से सम्पर्क हुआ है, सभी के सुरक्षित होने की जानकारी मिली है, मजदूरों के लिये कैम्प्रेसर के माध्यम से कुछ रसद(चना-चबैना) के पैकेट अंदर भिजवाये गये है। टनल में पानी के पाइप के जरिये लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। सीओ प्रशांत कुमार ने मध्य रात्रि में टनल से बाहर आने के बाद जानकारी देते हुए यह बतया। उधर सिलक्यारा कंट्रोल रूम द्वारा बताया गया है कि वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे लोगों से संपर्क हुआ सभी की कुशलता बताई गई, फंसे हुए लोगों द्वारा खाने की मांग की गई, जिन्हे पाइप के थ्रू खाना भिजवाया जा रहा है…. विक्टिम्स तक की दूरी 60 mtr (लगभग) है। सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलवा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलवा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ हैं। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं । टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं टनल के अंदर यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है। पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी और अब ठीक हादसे वाले स्थल के पास से इस पाइपलाइन को खोलकर मजदूर तक संदेशों का आदान-प्रदान किया गया है।