तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत ‘‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस‘‘ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बी.एस.रावत के दिशा – निर्देशन में जनपद की समस्त चिकित्सा इकाईयों, काॅलेज एवं महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। जनपद मुख्यालय में रामचन्द्र राजकीय महाविद्यालय उत्तरकाशी एवं राजकीय पाॅलिटेक्निक, उत्तरकाशी में जिला स्तरीय टीम के द्वारा एवं ब्लाॅक स्तर पर संबन्धित ब्लाॅक स्तरीय चिकित्सा यूनिट के द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
राजकीय पाॅलिटेक्निक, उत्तरकाशी के कार्यक्रम का संचालन प्रो.साधना परमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिला चिकित्सालय के मानसिक रोग विशेषज्ञ डाॅ. आशुतोष के द्वारा तम्बाकू उन्मूलन, नशा उन्मूलन एवं वर्तमान में विभिन्न प्रकार के मानसिक व्याधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की एवं मानसिक रोग उपचार के लिए जागरूकता के संबन्ध में जानकारी दी। कार्यक्रम के जिला सलाहकार ज्ञानेन्द्र पंवार के द्वारा ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रखी थीम ‘‘बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना‘‘ के संबंध में जानकारी दी और बताया कि थीम के आधार पर विगत 15 मई 2024 से समस्त शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता गतिविधि का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान तक तम्बाकू कंपनियों के द्वारा अपने ग्राहकों का लक्ष्य पूर्ण करने हेतु और अधिक से अधिक मुनाफा अर्जित करने के उद्देश्य से स्कूली छात्र-छात्राओं को लुभाने का कार्य किया जा रहा है जिसमें दैनिक जीवन में आवश्यक सामाग्रियों की सप्लाई भी तम्बाकू कम्पनियों के द्वारा की जा रही है और कम उम्र के बच्चों को लक्षित किया जा रहा है। चॅूकि तम्बाकू के प्रयोग करने से 50 प्रतिशत ग्राहकों की मृत्यु होने के कारण, नये ग्राहक बनाने के लिए कम उम्र के बच्चों को लक्षित किया जा रहा है, और यह जानकारी भी साझा की कि गेट्स सर्वे 2019 के अनुसार 13 से 15 उम्र के 8.5 प्रतिशत स्कूली बच्चे किसी न किसी रूप से तम्बाकू का सेवन करते है जो कि बेहद चिंतनीय विषय है। तम्बाकू के विस्तार पर नियंन्त्रण हेतु एवं बच्चों की पहुॅच से दूर करने के लिए ‘‘सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनिय (कोटपा) 2003‘‘ के अन्तर्गत धारा 6अ एवं 6ब में समस्त शैक्षिणिक संस्थानों के 100गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों को बेचना, प्रयोग करना दोनो ही पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित है एवं 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को तम्बाकू उत्पाद बेचना एवं उनसे विक्रय करवाना भी पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसका उलंघन करने वालों के विरूद्ध कोटपा 2003 एवं पुलिस एक्ट के अन्दर कठोर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। साथ ही जानकारी दी कि तम्बाकू कंपनियों के द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं में दान, छात्रवृति अनुदान आदि के लिए यदि संपर्क किया जाता है तो उसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा फ्रेमबर्क कन्वेन्शन ऑन तम्बाकू कन्ट्रोल (एफ0सीटी0सी0) के अन्तर्गत प्रतिबन्धित किये जाने हेतु निर्देशित किया है।
इस अवसर पर काॅलेज के छात्र-छात्राओं सहित अध्यापक गण, कार्यक्रम की काउंसलर मिनाक्षी बुटोला, सोशल वर्कर सोनिया बिष्ट आदि ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया।