नगर पालिका उत्तरकाशी में लगता है नियम कानून नहीं चलते। कोई भी पैसा यदि लिया जा रहा है तो नियम के तहत वह पालिका के एकाउंट में जाना चाहिए था। तहबाजारी का पैसा भी संभवतः विभाग के एकाउंट में जमा होता है। लेकिन यहाँ बगैर रसीद दिये पैसा वसूलने की जानकारी मिली है। दरअसल रामलीला मैदान में चार धाम यात्रा को देखते हुए कुछ लोगों ने मैदान में गन्ने के जूस का फड़ लगाने के लिये नगर पालिका से अनुमति ली है। पहले पालिका बता रही थी सिर्फ एक फड़ लगाए जाने को अनुमति दी जा रही है और उससे 35 हजार रुपये किराया तय हुआ है। इस बीच मैदान में कोई एक नही आधा दर्जन के करीब गन्ने के जूस के फड़ लगे हैं। जिनसे भी 35 हजार प्रति फड़ लिया जाना है। हमने कुछ फड़ वालों से बात की जिन्होंने 35 हजार किराया होने की बात कही। कुछ फड़ वालों ने बताया कि उन्होंने अभी कुछ 10 से 20 हजार एडवांस भी दिया है। बांकी बाद में देने हैं। गौरतलब है कि चाहे पूरा पैमेंट कर दिया हो या फिर आधा या एडवांस किसी को रसीद नहीं दी गई है। सवाल उठता है कि बगैर रसीद के लिया पैसा कहां जमा है जबकि नियम तहत चाहे पूरा पैमेंट हो या फिर एडवांस जो भी पैसा आये वह विभाग के संबंधित एकाउंट में जमा होना चाहिए।
इधर इस मामले में जब ईओ नगर पालिका शिव कुमार चौहान से जानकारी मांगी की फड़ लगाए लोगों को पैसा लेकर रसीद नहीं दी गई है तो उन्होंने कहा कि पता करके बताता हूँ लेकिन नहीं बताया। इस पर भी सवाल खड़े होते हैं।
उधर नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष रमेश चौहान ने बताया कि रामलीला मैदान में बेतरतीब गन्ने का जूस का फड़ लगाए लोगों से हो रही बदइंतजामी व गंदगी को लेकर वे पालिका के प्रशासक यानि एसडीएम से मिले तो उन्हें प्रशासक ने बताया कि मैदान में गन्ने के फड़ लगाने वालों को कोई परमिशन नहीं है। यह व्यापार मंडल अध्यक्ष का कहना है।
बहरहाल तहबाजारी के इस खेल में क्या कुछ हो रहा है भगवान ही मालिक है।