अस्सी गंगा घाटी के सुदूरवर्ती गाँव भंकोली के कालेज में मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर राजकीय इंटर कालेज भंकोली,उत्तरकाशी में इस वर्ष की थीम ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकी’ पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें छात्रों के लिए विज्ञान संगोष्ठी, पोस्टर, रंगोली व साइंस क्विज प्रतियोगिता रखी गई। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि वर्ष 1928 में 28 फरवरी के दिन भारतीय महान वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की थी। जिसके लिए उन्हें साल 1930 में नोबेल पुरस्कार व 1954 में उनको सर्वोच्‍च भारतीय सम्‍मान भारत रत्‍न
से सम्मानित किया गया था। चंद्रशेखर वेंकट रमन का प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया था कि एक पारदर्शी पदार्थ से गुजरने पर प्रकाश की किरणों के तरंगदैर्ध्य में बदलाव आ जाता है। उनकी इस रिसर्च को रमन प्रभाव कहा गया।

इधर कॉलेज मे विज्ञान दिवस पर आयोजित साइंस क्विज में प्रथम स्थान कार्तिक राणा,द्वितीय कुमारी भारती व कुमारी भूमिका ने प्राप्त किया। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम कुमारी अर्चना, द्वितीय धीरेन्द्र व तृतीय स्थान सुजल ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में मंजीरा देवी आयुर्वेदिक कालेज के शल्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक भट्ट ने आयुर्वेद के विषय पर जानकारी दी तो ब्रह्मचारी राम प्रसाद ने वैदिक साइंस का महत्व समझाया। जल उद्यमी विजयेश्वर प्रसाद डंगवाल ने पराम्परागत घराट व प्रकृति में समाहित विज्ञान पर प्रकाश डाला। एपीएफ सन्दर्भदाता खजान सिंह ने भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर छात्रों को व्याख्यान दिया। इंस्पायर अवार्ड मानक के जिला समन्वयक डॉ. राजेश जोशी ने छात्रों को विज्ञान में नवाचार पर प्रयोग करके सीखने के लिए प्रेरित किया। प्रधानाचार्य कामदेव सिंह पंवार ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया व छात्रों को विज्ञान दिवस के उद्देश्य से परिचित कराया। इस अवसर पर ब्रह्मचारी विशाल, इंस्पायर के ब्लाक समन्वयक मनीष सेमवाल, शिक्षक प्रदीप सिंह परमार, सुदीप सिंह, सुदीप रावत, अनुपम ग्रोवर, दीपेंद्र, दीप्ति जयाड़ा सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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