उत्तरकाशी की सीमांत तहसील भटवाड़ी में आला अफसर बैठने को राजी नहीं है। तहसील के नाम पर यहाँ के कामकाज जिला मुख्यालय में बैठ कर किये जाने की परिपाटी पर आज तक डंडा नहीं चला है। स्थानीय लोगों ने तहसील की इस दशा में पूर्व में आंदोलन भी किया बावजूद इसके फौरी कार्यवाही के सिवा कुछ नहीं हुआ। इस बीच भटवाड़ी के प्रधान,सामाजिक कार्यकर्ताओं ने डीएम,सीडीओ को ज्ञापन सौंप कर तहसील के हालात पर एक्शन लेने की कार्यवाही की मांग की। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना था कि भटवाड़ी परगना एक ऐसी परगना है जो केवल नाम की है यहां पर न तो एसडीएम का कार्यालय है और न ही एसडीएम का कोर्ट लगता है। इनका यह भी कहना था कि एक तरफ जहाँ उत्तराखंड सरकार व केन्द्र सरकार गांवों से पलायन रोकने व सीमांत गाँव जादुंग को बसाने की बात करती है वही जिला मुख्यालय से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भटवाड़ी तहसील उपेक्षा की शिकार बन कर रह गई है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि तहसील मुख्यालय वर्ष 2012-13 की आपदा के कारण आज तक उजाड़ पड़ा हुआ है। आज लगभग 23 वर्ष पूरे हो चुके हैं किंतु न तो तहसील भवन ही बन पाया है न उपकोषागार ही।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अभी हाल में भटवाड़ी विकाखण्ड का नया भवन बनकर तैयार हुआ है जिससे पुराना भवन पूर्ण रूप से खाली पड़ा हुआ है। लिहाजा उक्त खाली भवन में तहसील कार्यालय, एसडीएम कोर्ट व सब ट्रेजरी स्थापित की जाय।