पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा मुख्यालय किया कूच, मांगा जवाब व सबूत

 

देहरादून/ भाजपा पर एआई वीडियो बनाकर दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने आज भाजपा मुख्यालय कूच किया।
पुलिसबल द्वारा भाजपा मुख्यालय को चौतरफा बैरिकेड़ लगाकर घेराबंदी की गई थी, किंतु बेरिकेडिंग पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच धक्कामुक्की के उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भाजपा मुख्यालय के निकट तक पहुॅचने में सफल हो गए। भाजपा मुख्यलय के निकट पहुॅचकर उन्होने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपई को नमन करते हुए कहा कि आज की भाजपा को स्वर्गीय अटल जी से सीख लेनी चाहिए कैसे सबको साथ लेकर सामाजिक सौहार्द बनाया जाता है। उन्होने कहा कि भाजपा के दोस्तों आप मेरी सार्वजनिक छवि को खराब करने के लिए झूठ बोलते हो। मै आज आपसे प्रमाण पत्र मॉगने आया हूॅ और कहा कि आप द्वारा छद्म तौर पर संचालित किये जा रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में मुझे पाकिस्तान के लिए जासूसी करता राष्ट्रद्रोही दिखाया गया है। मुझे गोली मार कर मेरी प्रति नफरत आधारित हिंसा को प्रोत्साहित किया गया है। प्रमाण दो मैं पाकिस्तान का जासूस हूं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग कर मेरी छवि इस प्रकार प्रस्तुत की, जिससे राज्य का सामाजिक सौहार्द बिगड़े व उसका मैं केंद्र बिंदु बनूं। भाजपा का आईटी सेल अपने आधिकारिक पेज में डालकर प्रचारित.प्रसारित किया है। वर्ष 2017 में सरकार पर आरोप लगाया कि हमने जुम्मे की नमाज़ अर्थात शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए राज्य के सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। जबकि कोई भी सरकार किसी धर्म के त्यौहार का अवकाश तो घोषित कर सकती है, किंतु धर्म विशेष की प्रार्थना के लिए छुट्टी घोषित नहीं कर सकती है। फिर भी सबने मिलकर झूठ फैलाया और अभी तक कथित छुट्टी का गजट नोटिफिकेशन नहीं दिखाया है। उन्होने यह भी कहा कि भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं ने यह जानते हुए भी कि भारत का संविधान धर्म के आधार व धर्म के नाम पर कोई विश्वविद्यालय या संस्थान खोलने की अनुमति नहीं देता है। वर्ष 2022 के चुनाव में भाजपा व भाजपा के नेताओं ने झूठ बोला कि मैंने यह कहा कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी। मेरे चुनौती देने के बाद भी अभी तक मेरा कोई ऐसा सार्वजनिक बयान जो समाचार पत्रों में छपा हो या मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर मैंने दिया होए मेरे बयान के प्रमाण स्वरूप सार्वजनिक नहीं कर पाए हो। मुख्यमंत्री बार.बार राज्य में आगे भारी डेमोग्राफिक बदलाव की बात करते हैं। किस वर्ष कितना ऐसा बदलाव हुआ उसका आधिकारिक ब्यौरा नहीं देते हैं। सरकार एक स्वतंत्र सिटिजन सोशियल ऑडिट कमेटी गठित करए दो माह में उसके अध्ययन को सार्वजनिक करें कि कब व किस वर्ष में कितना बदलाव हुआ और आपकी सरकार इस बदलाव को ठीक करने के लिए क्या कदम उठा रही है। राज्य में कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए पाए गए हैं वह किस वर्ष में आए और इन्हें निकाल बाहर करने के लिए आपने अभी तक क्या-क्या कदम उठाये हैं। वहीं उन्होने अंकिता हत्याकाण्ड़ मे वायरल हो रहे भाजपा के पूर्व विधायक की कथित पत्नी द्वारा वीआईपी का नाम उजागर करने पर भी भाजपा सरकार को घेरा है और कहा कि अकिंता की हत्या उत्तराखण्ड़ के आत्मसम्मान की हत्या है और जिस प्रकार से सबूत नष्ट किए गए, बुल्डोजर चलाया गया, फौरेसिंक तथ्य मिटाए गए वो सब बड़े नेताओ को बचाने की साजिश रही है।

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