603 अग्निवीर बने भारतीय सेना के अंग

 

कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर (केआरसी) मुख्यालय रानीखेत में भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा में एक नया अध्याय जुड़ गया। 603 अग्निवीर नवसैनिक, जिन्होंने अग्निपथ योजना के तहत फर्ज के पथ पर कदम रखा, भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। करीब 31 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण से गुजरकर निखरे ये नवसैनिक जब बहादुरगढ़ के द्वार से बाहर कदम रखते हैं, तो हर एक के रोम-रोम में देशसेवा का जज्बा झलकता है। केआरसी कमांडेंट ब्रिगेडियर संजय कुमार यादव ने कसम परेड की सलामी ली और नवसैनिकों को प्रेरित करते हुए कहा कि फौजी बनकर देशसेवा का अवसर किस्मत वालों को ही मिलता है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर जो भी मोर्चा संभालें, वे रेजिमेंट का नाम ऊंचा करें। केआरसी मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक सोमनाथ ग्राउंड मंगलवार को अग्निवीर नवसैनिकों के छठे बैच की कसम परेड का साक्षी बना। सात माह की कठोर ट्रेनिंग और देशसेवा की अग्निपरीक्षा में तपकर निकले इन नवसैनिकों ने जोश, जज्बा और जुनून के साथ कदमताल की। इस परेड ने अन्य युवाओं को भी फौज में भर्ती होकर देशसेवा की प्रेरणा दी। अंतिम पग भरते ही अग्निवीर नवसैनिकों ने देश की आन, बान और शान की रक्षा करने और जरूरत पड़ने पर मां भारती के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की कसम उठाई। इस अवसर पर धर्मग्रंथ के साथ सेना के धर्मगुरुओं ने उन्हें कसम दिलाई। अग्निवीरों के माता-पिता, भाई-बहन और अन्य स्वजन इस गौरवपूर्ण पल के साक्षी भी बने।

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