राज्य वित्त आयोग, बजट खर्च में ग्राम पंचायतों व नगर निकायों पर कोई पाबंदी नहीं होगी: एन. रविशंकर

 

6ठे राज्य वित्त आयोग उत्तराखंड के अध्यक्ष एन.रविशंकर की मौजूदगी में नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ संवाद हुआ जिसमे आगामी पाँच वर्षों के लिए ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के सुनियोजित विकास, विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और उनके वित्तीय स्रोतों की उपलब्धता पर विस्तृत चर्चा की गई। डीएम प्रशांत आर्य ने इस दौरान प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जनपद के समग्र विकास के लिए विभिन्न सेक्टरों में आवंटित धनराशि का विस्तृत ब्यौरा दिया और जनपद की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में भी अवगत कराया।
आयोग के अध्यक्ष एन. रविशंकर ने कहा कि आयोग की ओर से बजट खर्च करने को लेकर ग्राम पंचायतों और नगर निकायों पर कोई पाबंदी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें और नगर निकाय अपने विवेक पर सुनियोजित विकास के लिए धनराशि खर्च कर सकते हैं।
संवाद के दौरान नव-निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने आयोग से ग्राम प्रधान की तर्ज पर मानदेय दिए जाने की सिफारिश की। इस पर अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि प्राप्त सभी सुझावों और सिफारिशों को विचारार्थ राज्य सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रेरित किया और अधिकारियों से विकास योजनाओं को ज़मीन पर उतारने के लिए निरंतर समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। आयोग के सदस्य जंगपांगी ने नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सलाह दी कि वे पंचवर्षीय योजना का खाका खींचने के साथ ही वार्षिक योजना के तहत विकास कार्य करें,ताकि ग्राम पंचायतों और नगर निकायों में सुनियोजित विकास हो सके। आयोग के सदस्य एम.सी.जोशी ने संविधान में निहित पंचायत राज व्यवस्था और 73वें संशोधन पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत रमेश चौहान,मुख्य विकास अधिकारी जय भारत सिंह समेत ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य समेत अन्य उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *