गढ़वाली बोली में रामलीला, लाय सजीवन लखन जियाये,श्री रघुवीर हरषि उर लाये

 

 

लाय सजीवन लखन जियाए, श्री रघुबीर हरषि उर लाए।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥
अर्थ-
श्री लक्ष्मण जी मेघनाथ के द्वारा किए गए शक्ति प्रहार के कारण मूर्छित हो गए थे और मृत्यु शैया पर थे । उस समय हनुमान जी ने संजीवन बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी को जिंदा कर दिया । जिससे श्रीरामचंद्र जी ने खुश होकर के उनको अपने गले लगाया और उनकी बहुत तारीफ की और कहा कि तुम मेरे भाई हो।
भावार्थ –
संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री हनुमान जी की स्तुति श्री लक्ष्मण जी के प्राणदाता के रूप में की है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार वे द्रोणा गिरी पर्वत पर गए। अनेक परेशानियों के बावजूद वे समय पर द्रोणागिरी पर्वत को ही लेकर के श्री लक्ष्मण जी के पास पहुँच गए। ब्यूटी का सेवन करने के उपरांत लक्ष्मण जी स्वस्थ हो गए। यह देख कर के श्रीरामचंद्र जी ने उन्हें अपने हृदय से लगा लिया। उसके बाद श्रीरामचंद्र जी ने श्री हनुमान जी की बहुत तारीफ की। उन्होंने कहा कि तुम मेरे लिए भरत के समान प्रिय हो। यह सभी जानते हैं की श्री रामचंद्र जी भरत जी अत्यंत प्रेम करते थे।
भगवान आदिदेव श्री काशी विश्वनाथ आशुतोष शिवशंकर भोलेनाथ नीलकंठ महादेव जी, भगवती माँ आदिशक्ति दुर्गा भवानी जी एवं पतित पावनी माँ भागीरथी {श्रीगंगा} जी की अनन्त असीम अनुकम्पा से तथा आप सभी सम्मानित धर्मपरायण प्रेमी प्रबुद्धजनों के हार्दिक सहयोग और मार्गदर्शन से श्री आदर्श रामलीला समिति {रजि०}, उत्तरकाशी के द्वारा सन् 1952 से अनवरत प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर सृजनात्मक स्वरूप में आयोजित होने वाली सौम्यकाशी {बाड़ाहाट}, उतरकाशी की ऐतिहासिक और पौराणिक अखिल कोटी ब्रहमाण्ड नायक जगतपिता जगदीश्वर करूणानिधान सूर्यवंशी मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीरामचंद्र जी की गौरवमयी 72वीं एवं “अपणी दूध बोली भाषा” {तीसरी गढ़वाली बोली~भाषा} में रामलीला की पुनरावृत्ती जो कि दिनॉक 9 अक्टूबर 2023 से दिनाॕक 25 अक्टूबर 2023 तक ठीक समय प्रतिदिन 7:30 बजे सांय को रामलीला मंच, रामलीला मैदान, उतरकाशी में प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर अभूतपूर्व वार्षिक मंचन किया जा रहा है।
आज की रामलीला में जिन दृश्यों का मुख्य रूप से मंचन किया जा रहा है उनमें श्रीरामचंद्र के द्वारा मेघनाथ के साथ युद्ध के लिए लक्ष्मण को भेजना और लक्ष्मण को युद्ध में शक्ति लगी और वह मूर्छित हो गए। मेघनाथ के द्वारा रावण को सूचना मिली और दरबार में खुशी में नाच गाना और जश्न मनाया गया। वही रामादल में शोक और निराशा के साथ सुषेण वैध को बुलाकर हनुमान जी के द्वारा जी संजीवन बूटी लाकर लक्ष्मण की मूर्छा को दूर किया गया। इन दृश्यों की प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव विभोर और मंत्रमुग्ध किया है।
आज के मंचन में राम दीपक भट्ट, लक्ष्मण महेंद्र पंवार, सीता का गंगा पण्डित बिजल्वाण, हनुमान का अजय मखलोगा, रावण का अजय पंवार, मेघनाथ का सागर सेमवाल, सुग्रीव का गौरव चौहान, अंगद का ईशांत पंवार, विभीषण का आदर्श रावत, नल का गर्वित उप्पल और नील का सुदेश व्यास ने बहुत ही उच्च कोटी का उत्कृष्ट अभिनय कर दर्शकों का मन मोहा है।
इधर रामलीला में स्वर्गीय मंगल सिंह पंवार निवासी धराली हाल मुकाम ग्राम भेला टिपरी जो कि सूचना विभाग में कार्यरत थे उन्होंने कई वर्ष तक हनुमान का सुंदर अभिनय किया था जिसके लिए उन्हें उनके इस योगदान के लिए उत्तरकाशी गौरव सम्मान 2023 प्रदान किया गया। अब तक कल 127 लोगों को यह गौरव सम्मान प्रदान किया गया किया गया है। संदीप सिंह गुंसाई ग्राम डुंडा विकासखंड डुंडा जनपद उत्तरकाशी को 2016 से 2022 तक विभिन्न दौड़ प्रतियोगिता में हिल चैंपियन होने पर जनपद और प्रदेश का नाम रोशन करने पर आदर्श रामलीला समिति {रजि0} उत्तरकाशी के द्वारा विशिष्ट से धावक सम्मान 2023 प्रदान किया गया हैं।
इस मौके पर समिति के मुख्य संरक्षक उमेश प्रसाद बहुगुणा, संरक्षक सुभाष सोनी, प्रेम सिंह पंवार और रमेश चौहान, मुख्य उद्घोषक एवं संपादक जयेन्द्र सिंह पंवार, अध्यक्ष गजेंद्र सिंह मटूड़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ0 तस्दीक खान, महासचिव विजय प्रकाश भट्ट, कोषाध्यक्ष अरविंद सिंह राणा, उपाध्यक्ष रूकम चन्द रमोला, खुशहाल सिंह चौहान, इंद्रेश उप्पल, शान्ति प्रसाद भट्ट, अजय प्रकाश बड़ोला, मीडिया एवं जनसंपर्क प्रभाग अनिल सेमवाल, संगीत निर्देशक प्रताप रावत, प्रहलाद जी, अंशुमान नौटियाल, उप प्रबंधक अमरपाल रमोला, निर्देशक चंद्रमोहन सिंह पंवार, मंच निर्देशक केशर सजवाण, वित्तीय सलाहकार सुमन राणा, कमल सिंह रावत, नौवर सिंह कठैत, माधव प्रसाद नौटियाल, रूप सज्जा निर्देशक विक्रम शाह, भण्डार नायक विकास कुमार चौधरी, विकास भट्ट, वित्त नियंत्रक पुष्पा बहुगुणा, किरन पंवार, विमला जुयाल, जलमा राणा, संतोषी ठाकुर, सावित्री मखलोगा और अनीता राणा आदि मौजूद रहे।

खबर और आलेख/
भूपेश कुड़ियाल,प्रबंधक
श्री आदर्श रामलीला समिति (उत्तरकाशी)

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