जिला अस्पताल, तीमारदारों के लिये शरणालय तो बना मगर शरण लें कैसे?

 

जिला अस्पताल में अभी कुछ वर्ष पूर्व तीमारदारों के लिये एक शरणालय बना था। उत्तरकाशी के पूर्व डीएम रहे डॉ. आशीष चौहान की सोच से जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को दिक्कत न हो इसके लिये उन्होंने जिला अस्पताल के मुख्य गेट से दाहिनी ओर एक शरणालय बनवाया था। जो अभी भी मौजूद है। उनके डीएम रहते शरणालय में तीमारदारों को रहने की सुविधा मिली मगर पिछले काफी समय से शरणालय की स्वास्थ्य विभाग की ओर से दुर्गति की गई है। शरणालय में ताले लटके है। शरणालय के महिला व पुरूष वाशरूम में भी ताले लटके हैं। बरामदे की छत फट रही है और शरणालय में गंदगी पसरी है। जिसे कोई देखने वाला नहीं है।
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. बी. एस.रावत से जब तीमारदारों के लिये बने शरणालय की बदहाली को लेकर जाना तो उन्होंने बताया कि शरणालय वाले एरिया में क्रिटिकल केअर ब्लॉक जिसमे 50 बेड का अस्पताल प्रस्तावित है उसे संज्ञान में लेते हुए शरणालय में ध्यानाकर्षण नहीं हो पाया। यह पूछे जाने पर की प्रस्तावित योजना जब तक अमल में नहीं आती तब तक तीमारदारों को शरणालय का लाभ तो मिल सकता है के जवाब में उन्होंने कहा कि हो सकता है। उधर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.सी.एस.पंवार के संज्ञान में शरणालय को लाया गया तो उन्होंने प्रमुख अधीक्षक से इसके बारे में जानकारी ली है।
बहरहाल जिला अस्पताल में तीमारदारों के लिये बना शरणालय दुरुस्त हो जाये तो निश्चित तौर पर इससे मरीजों के तीमारदारों को मरीज की देखभाल के लिये भटकना नहीं पड़ेगा।

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