राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) आज उत्तरकाशी जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट गांवों में पहुंचे। उन्होंने कहा कि सीमांत गांव जादुंग को देश के पहले गांव के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सरकार के प्रयास फलीभूत होने जा रहे हैं और यह पहल इस सीमावर्ती क्षेत्र में बदलाव की नई बयार लाएगी। राज्यपाल ने धराली गांव में हार्टी-टूरिज्म के मॉडल के तौर पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सेब के बागों के बीच विकसित किए जा रहे होम स्टे एवं रिर्जाट्स का अवलोकन कर इन प्रयासों की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के मॉडल को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्यपाल ने धराली गांव के प्राकृतिक सौंदर्य, बागवानी व पर्यटन विकास के क्षेत्र में हुई प्रगति पर ग्रामीणों को अपनी तरफ से मिठाई एवं अन्य भेंट भी प्रदान करते हुए कहा कि धराली गांव के हार्टी-टूरिज्म मॉडल को प्रोत्साहित करने के साथ ही इसे अन्य क्षेत्रों में भी क्रियान्वित करने का प्रयास किया जाएगा।
धराली के बाद राज्यपाल ने सीमावर्ती क्षेत्र के नेलांग एवं जादुंग गावों का भ्रमण भी किया। राज्यपाल ने इन गांवों को दोबारा बसाए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी ली और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई होम-स्टे कलस्टर योजना के तहत जादुगग गांव में होम स्टे निर्माण के लिए शुरू किए गए कार्यों का भी निरीक्षण किया। इस मौके पर डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि पर्यटन विभाग के द्वारा जीएमवीएन के माध्यम से जादुंग गांव में प्रथम चरण में 6 होम स्टे का निर्माण कार्य गत सप्ताह शुरू किया गया है। रू. 365.33 लाख की लागत की यह परियोजना एक साल में पूरी हो जाएगी। अगले चरण में 17 होम स्टे बनाए जाने प्रस्तावित है। इस योजना के तहत क्षेत्र के पारंपरिक वास्तुशिल्प के अनुरूप निर्मित होम स्टे जादुंग गांव के मूल निवासियों को सौंपे जाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज की योजनाओं पर विभिन्न स्तरों से पूरी निगरानी रखी जा रही। लिहाजा सभी विभाग और संगठन पूरी तत्परता व गुणवत्ता से इन योजनाओं को क्रियान्वित करने पर पूरा ध्यान दें। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड से पलायन को रोकने के उपायों को लेकर हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन के चलते सरकार के प्रतिबद्ध प्रयासों ने राज्य के वीरान पड़े कई ‘घोस्ट विलेज‘ अब ‘होस्ट विलेज‘ के तौर पर आबाद और खुशहाल बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है।
उधर जिले के सीमांत क्षेत्र के ‘वाईब्रेंट विलेज‘ के दो दिन के दौरे पर पहॅुचे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने अपने भ्रमण के दौरान हर्षिल में आयोजित सैनिक सम्मेलन में जवानों से भेंट करने के साथ ही नेलांग और जादुंग में भी सेना व आईटीबीपी के जवानों के बीच पहुॅंचकर देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाए रखने के लिए सैनिकों के योगदान की सराहना की और आने सैन्य जीवन के अनेकों प्रसंग साझा कर सीमा चौकियों पर तैनात जवानों का उत्साहवर्द्धन किया। इस दौरान राज्यपाल ने अपने साथ लाई मिठाईयां एवं अन्य भेंट सामग्री भी सैनिकों को भेंट की।
इस दौरान डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, राज्यपाल के परिसहाय अमित सहाय मेजर सुमित कुमार, राजपूताना राईफल्स के कर्नल सत्येन्द्र सिंह, आईटीबीपी के कमांडेंट सचिन व भानुप्रताप सिंह, मुख्य विकास अधिकारी एस.एल. सेमवाल समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।