जेकेवी मल्टी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी बनाकर उसमें निवेश के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले सोसायटी के कथित डायरेक्टर को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। आरेापी दो साल से फरार चल रहा था जिस पर 25 हजार रूपये का ईनाम भी घोषित किया गया था। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड द्वारा ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत सीओ एसटीएफ आर.बी.चमोला , प्रभारी निरीक्षक एम.पी. सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने थाना हल्द्वानी मे पंजीकृत एफआईआर में वांछित 25 हजार के ईनामी आशुतोष चतुर्वेदी पुत्र जयप्रकाश चौबे निवासी वार्ड 4 केशवपुरम थाना आईटीआई, काशीपुर को रोडवेज बस स्टेशन रुद्रपुर से गिरफ्तार किया गया है।पकड़े गये शातिर अन्तर्राज्यीय ठग पर उत्तराखण्ड और यूपी में धोखाधड़ी व ठगी के 3 मुकदमें दर्ज हैं। यह एक तरह का आर्गेनाइज क्राइम था जिसमें इसके द्वारा अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर, एक जेकेवी मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव नामक सोसाइटी बनाकर , उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान व बिहार में अपनी ब्रांच खोलकर लोगों से भिन्न-भिन्न स्कीमों में ज्यादा ब्याज का लालच देकर करोड़ों रुपए की धनराशि निवेश करवाकर गबन किया गया था। समिति की खटीमा तथा हल्द्वानी में भी ब्रांच थी जिसमें खटीमा में लोगों का करीब एक करोड़ 25 लाख तथा हल्द्वानी में करीब 90 लाख रुपये का गबन किया गया था। अभियुक आशुतोष चतुर्वेदी सोसाइटी में डायरेक्टर के पद पर था और विभिन्न अभियोगों में वांछित था । एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि सोसायटी के निदेशक, अधिकारी, कर्मी अशिक्षित, गरीब, बेरोजगारों को कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देते थे। इस बाबत उनका सोसायटी में खाता खुलवाया जाता और रकम जमा कराई जाती। बाद में बैंक खातों के जरिये जमा रकम को सोसायटी के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। वहां से रकम का गबन हो जाता था। अभी तक की जाँच- पड़ताल से 2 करोड़ से ज्यादा का गबन सामने आया है। वहीं अन्य राज्यों की शाखाओं का गबन मिलाकर घोटाला कई करोड़ों तक पहुँच सकता है। उक्त आरोपी को पकड़ने वाली टीम में उपनिरीक्षक बृजभूषण गुररानी, हेड कांस्टेबल जगपाल सिंह, गोविन्द बिष्ट, संजय कुमार, सुरेन्द्र कनवाल आदि शामिल थे।