गढ़वाली भजन , “उत्तराखंड देवतौ की भूमि” में देवभूमि की पवित्रता,आस्था व नैसर्गिक सौंदर्य को बेहतर संगीत व आवाज देकर प्रस्तुत किया है कैलाश चंद्र सेमवाल व निधि राणा ने
देवतौ की आवाज यानि देवताओं की आवाज नाम से नया गढ़वाली भजन काफी पसंद किया जा रहा है। उत्तराखंड के इस गढ़वाली भजन को आवाज दी है कैलाश चंद्र सेमवाल व निधि राणा ने जबकि संगीत दिया है सुंदर सैलानी तथा बांसुरी की धुन दी है रुकमेश नौटियाल ने। इस भजन को लेकर विशेष सहयोग डॉ. अंजू सेमवाल, भैरव दत्त जोशी,वीना एवं दिनेश नौटियाल ने दिया है।
गढ़वाली भजन के इस गीत व संगीत के द्वारा देवभूमि उत्तराखंड के चारो धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्री-केदार की महिमा,ऋषि मुनियों की तपस्थली व उनके आशीर्वाद, हिमालय और उससे निकल रही गंगा,यमुना की अविरल धारा से लेकर,तपोभूमि की आस्था और यहाँ के नैसर्गिक सौंदर्य समेटी पहाड़ियों उनमे मौजूद ताल,बुग्याल, बांज,बुंरास,कल-कल करते नदी,नाले, झरने सभी को एक सूत्र में पिरो कर भजन गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया है।