जिले में मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए मत्स्य बीज संचय (रीवर रैचिंग) कार्यक्रम के तहत यमुना नदी में बीस हजार महाशीर प्रजाति के मत्स्य बीजों का संचय किया गया है। इसके साथ ही ट्राउट प्रजाति के मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरनौल में हैचरी का निर्माण कराया जा रहा है।
सहायक निदेशक मत्स्य यू.पी. सिंह ने न्यूज पोस्ट को जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड की योजना के तहत मत्स्य पालन विभाग के द्वारा यमुना नदी में सौली कमल नदी के संगम से गंगनानी धरा बर्नीगाड तक के बीट संख्या आठ में बीस हजार महाशीर प्रजाति के मत्स्य बीज डाले गए हैं। यह बीट एंगलिंग हेतु राधेश्याम स्वयं सहायता समूह बैड़ोग खड्ड भंकोली को आवंटित किया गया है। रीवर रैचिंग के उक्त कार्यक्रम में नौगांव की कनिष्ठ उप प्रमुख दर्शनी नेगी, रणवीर सिंह रावत सहित अनेक मत्स्यपालकों व ग्रामीणों ने प्रतिभाग किया। सहायक निदेशक मत्स्य श्री सिंह ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग के द्वारा ट्राउट मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरनौल में हैचरी निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वर्तमान में मत्स्य पालकों के समितियों के स्तर पर जिले में मिनी ट्राउट हैचरी संचालित है, जिनसे जिले की मांग पूरी न हो पाने के कारण चमोली एवं हिमाचल प्रदेश से ट्राउट मत्स्य बीज आयात किया जा रहा है। सरनौल में हैचरी के बन जाने से ट्राउट मत्स्य उत्पादन में काफी वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने बताया विभाग की उप निदेशक (नियोजन) अल्पना हल्दिया ने भी सरनौल का भ्रमण कर हैचरी के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया है और कार्यदायी संस्था को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य समय से संपन्न करने के निर्देश दिए हैं।