उत्तरकाशी में श्री आदर्श रामलीला समिति 1952 से रामलीला का आयोजन करती आ रही है। तीन वर्ष पूर्व रामलीला के इस आयोजन में एक अध्याय और जुड़ गया। समिति ने रामलीला मंचन अपनी बोली,भाषा यानि गढ़वाली में करने की शुरुआत की। जिसकी इस बार चौथी पुनरावृति हो रही है। उत्तरकाशी की रामलीला समिति में कई समाजसेवी,शिक्षक से लेकर अन्य जुड़े रहे। इसी समिति में एक नाम तस्दीक खान का भी जुड़ा है। मुस्लिम होने के बावजूद राम के दरबार मे उनकी उपस्थिति न केवल श्री राम में आस्था बल्कि भाई चारा का भी संदेश देती है। गौरतलब है कि मुस्लिन तस्दीक खान वर्तमान मे रामलीला समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। पिछले कई वर्षों से वे रामलीला समिति से जुड़े हैं। रामलीला के आयोजन में हर दिन उनकी उपस्थिति दर्ज होती है। समिति में जुड़े होने पर समिति के दायित्वों का भी वे निर्वहन करते हैं। रामलीला मंचन के दौरान उनका सहयोग भी रहता है। अशोक वाटिका जब सजती है तो इसमें कुंतल के हिसाब से फल निःशुल्क रामलीला समिति को वे प्रदान करते हैं। श्री आदर्श रामलीला समिति के मुख्य उदघोषक जयेंद्र सिंह पंवार का कहना है कि मुस्लिम होने के बावजूद तस्दीक खान का रामलीला समिति को सहयोग अनुकरणीय है। उनके रामलीला समिति में जुड़े होने से समाज मे एक बेहतर संदेश भी पहुंच रहा है।